अगर सास कहे कि मैं तो सास हूं मैं बहु से जबरन रिश्ता क्यों बनाऊ, और बहूं कहे अगर सास मुझसे बोलना नहीं चाहती तो मैं क्यों रिश्ता बनाऊ, इस स्थिति को कैसे बदला जा सकता है ?
इस स्थिति को बदलने के लिए दोनों पक्षों में समझ, संवेदनशीलता और संवाद की आवश्यकता होती है। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं:
1. **मध्यस्थता का प्रयास करें**: परिवार के किसी सम्मानित सदस्य या बाहरी परामर्शदाता की मदद लें, जो दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित करने में मदद कर सके।
2. **खुले दिल से संवाद**: एक पारिवारिक बैठक आयोजित करें, जहाँ सास और बहू दोनों अपनी भावनाओं और चिंताओं को खुलकर व्यक्त कर सकें। इस बैठक का उद्देश्य एक-दूसरे को समझना और एक दूसरे के दृष्टिकोण का सम्मान करना होना चाहिए।
3. **सहानुभूति और समझ**: दोनों पक्षों को एक-दूसरे की भावनाओं को समझने और उनका सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करें। सहानुभूति और समझ से संवाद को बेहतर बनाया जा सकता है।
4. **सकारात्मक व्यवहार का प्रोत्साहन**: दोनों पक्षों को एक-दूसरे के सकारात्मक पहलुओं की सराहना करने के लिए प्रोत्साहित करें। यह रिश्ते को सुधारने में मदद कर सकता है।
5. **समय दें**: दोनों को समय दें ताकि वे अपने-अपने तरीके से इस रिश्ते को बेहतर बना सकें। संबंध सुधारने में समय और धैर्य की आवश्यकता होती है।
6. **साझा गतिविधियाँ**: ऐसी गतिविधियाँ आयोजित करें, जहाँ सास और बहू एक साथ समय बिता सकें। जैसे कि परिवारिक कार्यक्रम, खाना बनाना, या किसी पारिवारिक आयोजन में एक साथ काम करना। यह उनके बीच की दूरी को कम करने में मदद कर सकता है।
7. **प्रशंसा और प्रोत्साहन**: जब भी सास और बहू के बीच सकारात्मक बातचीत हो या कोई भी सकारात्मक बदलाव दिखे, उसकी प्रशंसा करें और प्रोत्साहित करें।
8. **सीमाएं और जिम्मेदारियां स्पष्ट करें**: दोनों पक्षों को उनकी भूमिकाएं और जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से बताएं, ताकि किसी भी प्रकार की गलतफहमी न हो।
9. **पारिवारिक एकता**: परिवार के अन्य सदस्यों का सहयोग और समर्थन भी महत्वपूर्ण है। सभी को मिलकर परिवार के सामंजस्य और एकता को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।
10. **परामर्श और थेरेपी**: अगर स्थिति गंभीर है और सुधार के प्रयास सफल नहीं हो रहे हैं, तो परिवार परामर्शदाता या थेरेपिस्ट की मदद लें।
इन उपायों के माध्यम से सास और बहू के बीच के रिश्ते में सुधार लाया जा सकता है। संबंधों को बेहतर बनाने के लिए दोनों पक्षों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग आवश्यक है।