Board ka result
रिजल्ट वाला दिन
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(मनीष अपने 12वीं के रिजल्द का इंतजार कर रहा है ,,,,, तभी वह सोचता है)
मनीषः(सोचते हुए) अगर मेरे 12 वीं 90% आ जाते है तो सब मेरी वाहा वाही करेंगें ।
(सोचते सोचते सोचते वह अपने विचारों में खो जाता है.... और अपनी विचारों की दुनियां में घूमने लगता है)
आनंदः (जो मनीष का दोस्त है कॉल पर) वाह मनीष यार तुमने तो कमाल ही कर दिया इस वर्ष तो तुमने पूरे स्कूल में टॉप मारा है
मनीषः हां तो पढ़ाई करी हमनें दिन रात 6-6 घंटे जव आयें 90% तुमाये जैसे थोड़ी घूमत फिरत रयें
आनंदः चलों छोड़ो और बताओ, पार्टी कब दे रहे हो 90% की
मनीषः अरे आ जाना सायं को ऐसी पार्टी देगें की दुनियां देखती रह जायेंगी
(फिर मनीष के मोवाईल पर बहुत सारे मेसेज आने लगते है, कई लोग स्टेटस लगाये रहेते है, फिर मनीष सोचता है अपने बाप पिता के वारे में)
विक्रमः (जो मनीष के पिता जी है) मनीष वाह तुमने ठाकुर खानदान की शान वढ़ाई है, तुमने हमारे कुल को ऊचा किया है, तुम जैसा वेटा भगवान सबको दे
मनीषः सब आपकी ही मेहरवानी है, आपने ही तों मुझे पढ़ने के लिए वक्त दिया आप चाहते तो मुझे हार-खेत में लगा सकते थे, और मुझसे पढ़ाई की जगह मजदूरी करवा सकते थे, लेकिन आपने मेरी पढ़ने में पूरी मदद की आप गाय के लिए चारा काटने गयें मुझे स्कूल भेजा, आपने अपने लिए ढंग के कपड़े भी नही खरीदें ओर मुझे में कितावे खरीदी, आप धन्य हो पिता जी
विक्रमः मैने तुमसे वोला था कि अगर तुम 85% से अधिक लाओगे तो में तुम्हे कॉलेज जाने के लिए गाड़ी गिफ्त करूंगा ओर मुझे विस्वास था, कि तुम यह जरूर करके दिखाओंगे इसिलिए यह लो वाइक की चावी ओर मजे करों
(मनीष धन्यवाद बोलकर चावी लेकर घूमने निकल जाता है तभी रास्ते में उसे आसूं मिलता है)
आसूः और मनीष भाई सारे गांव में तुम्हारे ही चर्चे चल रहै है? कैसे बनाये तुमने इतने सारे परसेंट
मनीषः अरे कुछ नही भाई बस मेहनत करो तो किस्मत अपने आप साथ देती है, और सुनाओ तुम्हारे कितने आये 12वीं में
आसूः मेरे तो बस पास हो गया इतने ही दिये है सर ने, क्योकि में जो पढ़ कर गया था वो पेपर में आया ही नही था, और तुम्हे तो पता ही है कि में जो चिट्ठी पुट्ठी लेकर गया था वो मासाव ने पकड़ लई थी, हम तो राम भरोसे पास हो गये, तुम अपनी बताओ, पार्टी कब दे रहे हो,,,,
मनीषः पार्टी की का बात कर रयें, आ जाना आज रात को ही आ जाना धूम-धाम से मनाहे अपन सब, हमाये पिताश्री ने जा गाड़ी गिफ्ट करी है सो आओ तुम्हे घुमा लायें.....
(मनीष मन में सोचता है फिर कोई रिश्तेदार मेरे पिता जी को ताना मारने के लिए फोन करेंगा)
विशालः और कैसे हो भाई साहव,
विक्रमः बस बढियां ओर आप बताओ कैसे याद किया मुझे
विशालः कुछ नही बस बोर्ड का रिजल्ट आ गया हैं... तो बस मनीष का हाल चाल जानने के लिए कॉल किया था, मेरा भतीजा तो पूरे 85% लाया है मैने तो अपने पूरे मुहल्ले में मिठाइयां वांटी है, 12 वीं ओर तुम्हारा मनीष
विक्रमः मनीष का भी अच्छा ही आया है, उसके लिए तो हमने शामं के समय पार्टी रखी है, टाइम मिले तो आ जाना
विशालः अच्छा कितने परसेंट बने है मनीष के
विक्रमः 90%
विशालः अच्छा तो ठीक फिर रखते है.....
मनीषः देखते है अब आ गया हो रिजल्ट टाइम भी हो गया है (रजिल्ट देखने के दोरान भगवान 90% आ जाये जैसे ही रिज्लट दिखाई देता है) हिन्दी में 91, अग्रेजी में 86, गणित में 92, केमिस्ट्री में 94, फिजिक्स में 87, टोटल 450 यानि 90% , भगवान आपने मेरी सुन ली , मै बहुत खुश हूं मेरे घरवाले भी बहुत खुश होगें, मेरे शिक्शक भी मुझ पर गर्व करेंगे
(अब मनीष मन मे खुशी लेकर घर जाता हैं)
मनीषः (खुशी से) अरे दद्दा आज तो आपको हम पर गर्व बहुत होगा
विक्रमः (जो पानी की टंकी तरफ देख रहे थे) हां गरव तो ठीक है, तीन दिन से नल नई खुले तो पानी भर लाओ, कहा मर जात, इते हम अकेले 1 घंटा से परेशान हो रहे है, जाओ जे दो पिक्का लेके पानी भर लाओ नल से
(मनीष का मुंह थोड़ा उतर सा जाता हैं, और पिता जी की तरफ आश्चर्य से देखता है)
मनीषः पानी तो हम भर ला रये लेकिन एक बात सुन लेओ आप बहुत खुश हो जेहो,,,
विक्रमः हमे कछु नई सुनने हमें सब पता है; जाओ जाके पानी भर लाओ,
मनीषः हमें लगत पिता जी अभी गुस्से में है, इसिलिए अभी पानी भर लाने दो फिर बता देंगे
(मनीष पानी भरने के लिए चला जाता है, )
मनीषः अरे यार अभी तक किसी के कॉल नही आयें, ऐसो कर कर हम ही लगा ले रयें आनंद हो फोन
मनीषः (फोन लगाते हुए) अरे यार यह फोन क्यो नही उठा रहा है, उठ गया, हेलो आनंद कैसे हो
आनंदः कैसे हो को का मतलब ठीक है, फोन कय हो लगाओ, जा बताओ तुम, हमे तुमसे जा उम्मीद ने हती
मनीषः अरे क्या हो गओ, तुम इतने गुस्सा से में कय आ बोल रये, हमाये किते खुशखवरी है तुमाये लाने
आनंदः (गुस्से में ही) अरे तुम कौन सी खुशखवरी दे सकत हमे
मनीषः अरे तुमाई पार्टी को जुगाड़ है यार
आनंदः हमे तो पता है , पंगत देखी नई के कुत्ता हाजिर, तुम्हे पता चल गओ हुइए हमाये 87% बने, लेकिन हम कोई पार्टी नई दे रये, ठीक है, फोन रखों अब
मनीषः अरे बात सुनो यार (फोन कट जाता है) यार ये हो क्या गया, कोई मेरी सुन ही नही रहा.... चलो लगता है अभी कुछ हो गया होगा (और सोचकर आगे चला जाता है नल पर पहुंच जाता है)
आसूंः (मनीष के लोटते वक्त गाड़ी से आता है और रोककर कहता है) और मनीष
मनीषः (लगता है ये खुश है, इसको पता चल गया होगा मेरे रजिल्ट का) और आसूं भाई कैसे हो
आसूः हम तो ठीक है, लेकिन तुम्हे जे पिक्का ढोने पड़ रये, अब कर भी का सकत, भगवान ने जेई दिन दिखाये तुमाये लानें, अबे तो पानी भर रयें बाद में पता नईया का का करने पड़ है
मनीषः (झेपते हुए, अरे इन सबको हो क्या गया है) क्यो क्या हुआ, इतनी अच्छी तो है हमारी किश्मत
आसूः (चिढ़ाते हुए) हां हां बा दिखाई रही है, खेर छोड़ो तुम्हे खुशी तो ने हुइए लिकिन बता दे रये हमायें 89% आयें है 12 वीं में
मनीषः अरे यार कैसी बात कर रहे हो यार दोस्त, अपने दोस्त की तरक्की देखकर कौन खुश नही होगा, हम बहुत प्रसन्न है,,
आसूः अच्छा ठीक है, हम चल रये, हमाये पिताजी ने यह गाड़ी गिफ्ट की है, इससे घूमने जा रहै है, और हा रात को पार्टी है, आ जाना
मनीषः (चोंकते हुए ये हो क्या रहा है,) गाड़ी मुझे मिलनी थी, यह घूम रहा है, चलो कोई बात नही, अभी मेरा समय ठीक नही चल रहा है
(जैसे ही मनीष घर पहुंचता है, ओर देखता है उसके पिता फोन पर बात कर रहे है)
विक्रमः अरे तुम्हे करना क्या है मेरे घर से, यहां जैसा भी है सब ठीक है
विशालः हां हां दे लो झूठी तसल्ली, ओर रखा ही क्या है, आपकी जिन्दगी में मेरे भतीजे के देखो 85% आये है
विक्रमः हां तो तुम मुझे क्यो यह सब बता रहे हो, मुझे किसी से कोई मतलब नही है
विशालः हां जब तुम्हारे सुपुत्र ने तुम्हारी नाक कटवा ही दी तो अव तुम्हे थोड़ी किसी से कोई मतलव होगा
विक्रमः (गुस्से से) बकवास बंद करो ओर अपना फोन रखो (ओर फोन काट देता है)
मनीषः यह सब हो क्या रहा है, कुछ समझ ही नही आ रहा है (ओर चक्कर खाकर गिर जाता है)
(कुछ समय बाद, मनीष के पिता जी मनीष को विस्तर पर से जगा रहे होते है)
विक्रमः उठ हरामी, नहा धोकर, मंदिर मे नरियल वरियल फोड़ आओ आज रजिल्ट आना है
मनीषः हे रजिल्ट आना है मेरा तो रजिल्ट आ गया पूरे 90% बने है , हिन्दी में 91, अग्रेजी में 86, गणित में 92, केमिस्ट्री में 94, फिजिक्स में 87, टोटल 450 यानि 90% ,
विक्रमः है तू तो आर्ट लिए है चूतियां उसमें गणित, केमिस्टी, फिजिक्स कहा से आ गई
(मनीष को सब समझ में आ जाता है कि अभी जो मैने देंखा बह एक सपना था, हकीकत में उसके 70% बनते है लेकिन सभी खुश होते है ओर मनीष को उज्वल भविष्य की कामनायें देते है)
Thanks for Reading.....