Vikram ki shayari

ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है हमें , कभी उलझना पड़ता है, कभी सुलझना पड़ना, तिनका खुद ही डूबने वाले का सहारा नहीं बनता, डूबने वाले को, खुद ही तिनका पकड़ना पड़ता है 

भादो का महीना है, घनघोर बरसात हैं...
जब श्याम का जन्म हुआ, यही वो रात है...
 
-Vikram Thakur 
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