CID -Chaddi Ki Chori
CID-CHADDI KI CHORI
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रोल- (जैसे ही वारूम से बाहर निकलता है)- अरे यार मेरी चड्डी कहा चली गई? (जोर से) सी.आई.डी.
(बहुत कोशिश करने के बाद भी चड्डी नही मिलती है) रोल2 (नल पर नहाने जाता है लेकिन जैसे ही सेप्पू लगाता है और आंखे खोलता है तो चड्डी गायब हो जाती है)
रोल2- (आज हम नहले बाड़ी सेम्पू से, आवत हुइये राजा हमरे टेम्पू से) साला मेरी चड्डी कहा गायब हो गई (जोर से) सी.आई.डी.
रोल3- (नरवा में नहाने जाता है, और जैसे ही नहाकर निकलता है ओर चड़डी बदलने के लिए जाता है तो चड्ड़ी गायब हो जाती है)
रोल3- ऐ भइया हमरी चड्डी कहा गायव हो गई, किसी ने देखी का (जोर से) सी.आई.डी.
(सी.आई.डी. चड्डी की खोज के लिए निकल पड़ती है)
ऐसीपी - (अपना हाथ घुमाते हुए) कुछ समझमें आया दया?
दया- एस सर , इसका मतलब है चोर विल्कुल नंगा है? और उसे उसके नाप की चड्डी मिल रही है?
एैसीपी - (अपना हाथ घुमाते हुए) नही मुझे लगता है, कि चोर की चड्डी रोज ही फट जाती है, और वह विचारा गरीब होगा इसलिए बह चड्डी चुराता रहता है?
रोल3- आप लोग कुछ भी करों मुझे वही चड्डी चाहिए, मैने बड़ी मुस्किल से किसी की लुकाई थी, मेरा मतलब है, 5 दिन पहले ही नई खरीदी थी.....
ऐसीपी- आपको किसी पर शक है?
रोल3- मुझे क्या किसी पर शक होगा सब मुझ पर ही शक करते है....
दया- मतलब तुम एक चोर हो,
रोल3- मेरी शकल चोरो जैसी है, लेकिन में चोर हूं नही, देखों मैने आपकी घड़ी भी नही चुराई, ये लो आपकी घड़ी
दया-ऐ घड़ी तुम्हारे हाथ में कैसे आई
रोल3- भलाई का तो जमाना ही नही रहा, एक तो मैने आपकी घड़ी बताई और सवालों का जवाब भी दो
ऐसीपी- एक थप्पड़ देता है, रोल3 पानी में गिर जाता है .... (दया से) इस पर भी नजर रखनी होगी
(ऐसीपी को तभी अभी जीत का कॉल आ जाता है)
ऐसीपी- क्या हुआ अभीजीत , कुछ चड्डी चोर कुछ पता चला,......क्या तुम्हारी भी चड्डी चोरी हो गई.........., (दया से) हमे चोरों का पता लगाना ही होगा
दया- क्या , अभीजीत की भी चड्डी चोरी हो गई, कॉल पर हलो मेरी चड्डी सूखने रखी प्लीज अंदर, रख लो....क्या हुआ का क्या मतलब जितना बोला है उतना करों बस
(पता चलने पर गांव की बहुत से लोगों की चड्डी चोरी हो जाती है)
ऐसीपी- चलो फिर चड्डी की खोज के लिए चलते है...
(दोनो चड्डी चोर को ढूढने के लिए निकल पड़ते है, तभी उन्हे वही अभिजीत मिल जाता है...)
अभिजीतः अरे सर में आ ही रहा था..... लेकिन नहाते बक्त चोर मेरी चड्डी ही चुरा कर लें गयें
ऐसीपीः अच्छा फिर कैसे आयें....
अभिजीतः वड़ी मुस्किल से जो चड्डी पहले गीली हो गई थी, उसे बड़ी मेहनत से निचोड़-निचोड़ के पहनने लायक बना लिया....
दयाः अच्छा, मतलब तुम चड्डी भी पहने है...
अभिजीतः हां मैतो पहनता हूं तुम नही पहनते क्या ?
ऐसीपीः क्या यार तुम दोनों उलूल-जुलूल वेफजूल की बातें कर रहे हो...हमें चोर को भी तो पकड़ना है
अभिजीतः हां उस चोर से तो मुझे भी अपनी चड्डी वापिस चाहिए...
दयाः लेकिन सर, उस चोर को खोजे कैसे....
ऐसीपीः अवे धीरे बोल, किसी हमारी बाते सुन ली तो चोर सतर्क हो जायेंगा,,,,
(तीनो आसपास चोर को खोजने लगते है, कोई पेड़ पर, तो कोई आजू-बाजू लेकिन चोर का कोई पता नही चलता है)
अभीजीतः क्या यार तुम लोग चोर कोई बस्तु है जो उसको , सुई-धागा की तरह खोज रहे हो... यहा आओ मेरे पास एक आईडियां है
ऐसीपीः हां जल्दी बताओ, करें तो क्या करें
अभीजीतः हम सबके घर चेक करेंगे जिसके घर में ज्यादा चड्डियां होगी, चोर उसी घर का सदस्य होगा....
दयाः वाह क्या बात है,,,, चलों खोजते है, फिर चोर का घर
(इंटर मिशन- वो बहुत घरों की खोज करते है लेकिन उन्हो चोर के कोई संकेत नही मिलते)
ऐसीपीः हमने कितने घरों को खोज लिया लेकिन चोरो का कोई पता नही लग सका, यह एक घर बचा है, चलो यहां ओर देख लेते है....
अभीजीतः दरवाजा, खटखटाने के बाद, लगता है, सर यहां कोई नही है....
ऐसीपीः घर पर कोई नही है. इसका मतलब समझे दया....
दयाः जी सर, इसका मतलब है, कि हमें अब घर चलना चाहिए...
अभीजीतः नही, इसका मतलब है, कि चोर इसी घर से है ओर वह अभी चोरी करने के लिए गया है...
ऐसीपीः इज्जेक्ली, दया जाओ दरवाजा टोरो...
(दया जाता है और दरवाजा टोड़ने के लिए उसमें कंधा मारता है, लिकिन तभी दरवाजा खुल जाता है और दया दरवाजे के अंदर गिर जाता है. दरवाजा एक महिला खोलती है)
(दोनों जाते है, है डॉक्र सालुक)
महिलाः कौन हो तुम लोग, और क्यों आयें हो मेरें घर पर,,,,
ऐसीपीः माता जी, (कार्ड दिखाते हुए) हम सी आई डी से आयें है, और पुरुपो की चड्डी चोरी हो रही है तो बही पता लगाने के लिए आयें है...
महिलाः सीआईडी आओ सो जो मतलब के तुम जोन चाये के घर में कुत्तो के जैसे बिना परमीशन के घरमें घुस जाओ, और तुम पुरुषों की चड्डी हम महिला लुका है का
अभीजीतः माता जी, हमें पता ने हतो के जो घर महिला को आयें, हमने बहुत दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने जवाब नही दिया, तो हमने सोचा कि यह घर चोरो का है...
महिलाः हम अंदर रोटी बनाउते, बाजू में पंखा चल रओ तो, बेहर के मारे अंदर आवाज ने जात हती., और हम तुमाई लाने फ्री नोई है.... अब निकलेओ इते से....
(तीनों बहा से गायब हो जाते है...)
ऐसीपीः यह सब करने पर भी चोर का पता न लग सका, अब क्या करें...
दयाःकरना क्या है, डॉक्टर सालुखे के पास चलते है, उनके पास होगा, शायद इसका कोई हल
ऐसीपी- चलो चलते है डॉक्टर सालुखे के पास, वही इसका कोई हल निकालेगें
(तीनो जाते हैं. डॉक्टर सालुखे के पास, डॉ. सालुखे कुछ अविष्कार कर रहे होते है... )
ऐसीपीः डॉ. सालुखे क्या हाल है...
डॉ. सालुखे.. बस एक नई खोज कर रहा हूं. कि चंद्रमा पर जो गड्डे है, उन्हे कितने मजदूरों ने कितने दिन में. खोदा होगा, ओर हमारे एक गड्डा खोदने में कितना खर्च आया होगा...
ऐसीपीः क्या यार वेहुदा जैसी बात कर रहे हो, उन्हे किसी आदमियों ने थोडी खोदा है, इंसानों तो सिर्फ उन्हे खोजा है.. गड्डे खोदने वाले तो अंतरिक्श में मोजूद उल्कायें पिण्ड हो, जो चंद्मा की सतह पर बार-बार टकराई, जिससे गहरे गड्डो का निर्माण हो गया...
डॉ.सालुखेः अरें मै तो मजाक कर रहा था, तुम्हारा ज्ञान भी किसी कम नही है, मेरी संगति में रहोगे तो और ज्ञान की प्राप्ति होती रहेगी... बताओ क्या समस्या है , जो आपको यहां आने का कष्ट झेलना पड़ा
अभीजीतः डॉ. साहव आपको तो पता ही होगा कि गांव में आजकल कॉपी चड्डियों की चोरी हो रही, यहां तक की चोरो मेरे चड्डी भी नही छोड़ी...
दयाः हां हां. सबको बता दो कि तुम भी चड्डी पहनते हो, बता तो ऐसे रहे हो जैसै हम नंगे फिरते हो...
ऐसीपीः तुम दोनों शांत रहो यार...डॉक्टर साहब कोई उपाय बताऔ यार..
डॉ. सालुखेः जैसे ही मैने इसके बारे में सुना, इसका मैने उपाय खोज लिया था
(तीनों चौककर क्या- ?)
डॉ. सालुखेः (टेविल की ओर हाथ करते हुए) वो देखो..
(तीनों देखते है यें क्या चीज है...भई)
डॉ. सालुखेः बुन्देलखण्डी में इसे करेंचा कहते है... जो अगर शरीर के किसी भी हिस्से में लग जाये तो खुजली होने लगती है...
दयाः खुजली तो उससे क्या होगा, और इससे चोर का पता कैसे लगेगा..
डॉ.सालुखे, अगर किसी भी तरह ये चड्डी में लग जाये तो चोर का पता आसानी से चल जायेंगा जब चोर यह पहनेगा तो चोर को खुजली होगी, चूकिं मै एक डॉक्टर हूं तो लोग मैरे पास इसका इलाज करवाने आयेंगे.
ऐसीपीः लेकिन सबकी चड्डियों में करेंचा कैसे लगायेंगे....
डॉ. सालुखेः ऐ भी एक बड़ी मुस्किल थी , जिसका उपाय भी मैनै खोज लिया है..
(तीनों क्या- ?)
डॉ. सालुखेः यें देखों करेंचा मिलाकर मैने यह कपड़े धोने वाला साबुन बना दिया. जिससे कि लोग इस साबुन से अपनी चड्डी धोयेंगे, और सुखाने के लिए, रखेंगे , और फिर चोर चोरी करने के लिए आयेंगा...और वह चड्डी पहनेगा तो चोर खुजलाते हुए पकड़ा जायेगा...
अभिजीतः वाह क्या तरीका, खोजा है सर आपने,
डॉ. सालुखेंः हां वो तो है, लेकिन मेरे बनाये सारे साबुन को किराने की दुकान पर रखवा दो... यह दुकानदार से कहना यही साबुन बेंचना है, जिससे यह साबुन घर घर जा सकें ओर सही चोर पकड़ सके...
(सीआईडी टीम बैसा ही करती है, अब सभी इंतजार कर रहे थे चोर के आने का... तभी एक आदमी आता है...)
रोलः (सर खुजलाते हुए आता है...) डॉ. साहव देखिए मैने सर में खुजली हो गई
दयाः ये तो अपना सर खुजला रहा है, सर
ऐसीपीः इसका मतलब समझे दया...
दयाः जी सर, यह चोर है और सिर में चड्डी पहनता है...
अभिजीतः क्या दया सर, आपकी हाईट के साथ दिमाग भी छोटा गया है, यह चड्डी सिर पर लेकर नहाने के लिए जा रहा होगा तभी उसके
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