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विक्रम : भाई मैं तुम्हारा थोड़ा सा पानी यूज कर सकता हूं:

विशाल : हां क्यों नहीं, कर लो जितना मर्ज़ी चाहो,

विक्रम: मनीष से, ले आओ सारे कपड़े यही धो लेते यहां बहुत पानी

(विशाल देखते ही रह जाता हैं)

विक्रम: क्या मेरी एक फोटो ले सकते हों,

आशू: हां हां, क्यों नहीं, 

विक्रम: (पासपोर्ट साईज फोटो) ये लो फिर

(आंसू, अपसोस के साथ देखता ही रहता है)

भिखारी: अल्लाह के नाम पर कुछ खाने को दे दो, मैंने दो दिन से कुछ नहीं खाया,

आंसू: (राजश्री हिलाते हुए) ये लो 10 रुपये, 

भिखारी: (राजश्री छीनते हुए) ये दो तुम नया ले लेना

(आंसू एकदम झेप जाता है 

मनीष:  (बाईक वाले से, वाटल कंधे पर रखे हुए), भाई मुझे आंगे तक छोड दोगें,

विशाल: हां क्यों नहीं, आजाओ बैठ जाओ,

मनीष: बस दो कदम चलने के बाद, बस बस यही उतार दो, (और बाटर लेकर लेट्रिंग लिए जाने लगता है)

विक्रम: (गैस टंकी उठाते हुए) क्या मेरी तुम मेरी एक मदद कर सकते हैं;

आंसू: हां हां क्यों नहीं, 

(जैसे ही आसूं गैस टंकी उठाता है, विक्रम सिर्फ उसी के लिए गैस टंकी उठाने के सोप देता है

विक्रम: (आगे जाकर इसारा करते हुए) लेते आओ, लेते आओ

मनीष: क्या तुम मुझे तुम्हारी गाड़ी दे सकते हों, 2 मिनट के लिए

विक्रम: उसमें पेट्रोल नहीं हैं, 

मनीष: अरे चाबी तो दो , बस दो मिनट के लिए, यही तक जाना है,

विक्रम: मैं बोल रहा हूं न, कि उसमें पेट्रोल नहीं है,

मनीष: अरे बाईक की चाबी तो दो, मैं बोल रहा हूं न

विक्रम: ये लो पर , पर उसमें पेट्रोल नहीं हैं,

(मनीष जैसे ही, चाबी लेकर गाड़ी, स्टार्ट करता है, गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होती)

विक्रम: मैं बोल रहा था न, कि उसमें पेट्रोल नहीं हैं,

मनीष: गाड़ी हलाके देखता है, उसमें सचमुच पेट्रोल नहीं था

विक्रम: यार दोस्त मेरा एक अर्जेट काम था, मेरे साथ चल सकता है,

आंसू: हां क्यों नहीं, बताओ तो क्या क्या काम है ?

विक्रम: (बाईक पर से)चलो तो सही,

(दोनों खेत पर पहुंच कर)

विक्रम: इस खेत की मसरी पटाना हैं, 

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