Chalo Katai Karbe chaliye

 चलो कटाई करवे चलिए,

हसिया उठाके सबई जने...

सबरे काटिये बिर्रे- बिर्रे,

लगियो ने कोऊ घने घने...


1)मसरी के बाद फिर चना भी कटने,-2

दो एकड़ से आजई निपटने,-2

रहियो ने कोई ढीले -ढाले,

सबरे रहियो तने तने,

 सबरे काटियो बिर्रे -बिरे,

लगियो ने कोई घने -घने,


2)दोपहर में उतई गाकड़ बनने,-2

कलेवा वलेबा कोई न धन्ने,-2

भटा भर्त और मठा के संगे,

गांकड खाबी सबई जने, 

सबरे काटियो बिर्रे -बिर्रे ,

लगियो ने कोई घने घने,,


3) हमाये किते भाई सबई हो चलने,

कोनऊ किते नई तुमे नई हिलने,

मेड़ई पर उतई दे हे मजूरी,

गांठ बांध लो सबई जने,

सबरे -काटियो......


✍️ विक्रम सिंह

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