पटाखावली
कुछ बच्चे पटाखे फोड़ रहे
है.....
तभी एक बच्चा बही पर आता
है... भागों भागो बम्बू भाई आ रहा है....
सभी बच्चे बहां से भाग जाते
है...
लेकिन एक बच्चा जो यह सब
देख रहा था.... यह बंबू भाई कौन है.... और यह सब अपने पटाखे छोड़कर क्यों
भाग रहे है.....
उसने तभी यह सोच लिया
मुझे इस बंबू भाई से मिलना होगा...
क्यों करता है यह पटाखों
से इतनी नफरतः
तभी वही से दो बच्चे और
निकलते है, जो बातचीत कर रहे थे कि मैं तो पटाखे बिल्कुल फुस्सा बाले लाया हूं
ताकि इसकी तेज आवाज ना हो और बंबू भाई को
विल्कुल भी सुनाई न दे पाये....
अगर उसने पटाखों की आवाज
सुन ली तो बंबू भाई अपना क्या हाल कर देंगा ये तो भगवान ही जाने.....
और उससे मिलने का एक ही
तरीका है....
पटाखें फोड़ो.
जैसे ही उसने पटाखा फोड़ा
और बंबू भाई की टीम हाजिर हो गई.....
और उसे ले जाने लगी....
बच्चाः अरे भाई तुम लोग
हो कौन, और मुझे कहा ले जा रहे हो.....
बम्बू भाई की टीमः चल
बम्बू भाई के पास..... तुम्हे बंबू भाई ही सजा सुनायेंगे.
अरे ये बम्बू भाई है...
कौन....
टीमः बम्बू भाई को नही
जानते- जिनके हाथ नही है, वो पटाखा फोड़ने बाले का हाथ काट देते है......
बच्चाः अच्छा लेकिन बह
हाथ ही क्यो काटता है...
टीमः क्योकि बम्बू भाई के
हाथ नही है..... इसलिए वह सिर्फ हाथ ही काटता है काटता है.......
जैसे ही- बंबू भाई की टीम
बंबू के अड्डे पर पहुंचती है... तो बहा देखता है बंबू भाई दूसरे आदमी के हाथ काट
रहा है...
आदमीः मुझे छोड़ दो, अब में
कभी पटाखे नही फोडूगां.....
बंबूः ज्यादा शोक चड़ा है,
तुम्हे पटाखा फोड़ने का अब ले रहों मेरी तरह बिना हाथो के, और एक झटके में दोनों
हाथ काट देता है.... बह जोर से चिल्लाता है...
बम्बू भाईः लेके जाऔ इसे
इसे बा इज्जत इसके घर तक छोड़ के आओ,,
दूसराः बम्बू भाई,,,, अगर
आप सबके हाथ तो निर्दय होकर काट देते होकर काट देते हो लेकिन फिर उसे बाइज्जत घर
भी भेज देते हो...
बंबूः मैं सिर्फ फटाखा फोड़ने
का दण्ड देता हूं, बाकी मुझे किसी से कोई दुश्मनी है... और मैं इनको घर इसलीए भेज देता
हूं ताकि इसे देखकर लोग मुझसे भयभीत हो और पटाखे न फोड़े....
बम्बू की टीमः लो एक और
शिकार इसने भी पटाखा फोड़ा बंबू भाई,,,
बम्बूः हां तो तुमने
पटाखा कैसे फोड़ा...
बच्चाः बोलकर दिखाउं या
करके दिखाउं
बम्बूः क्या बोला ये..
टीमः ये बोल रहा है... कि
बोलकर बताउ या करके दिखाउं
बम्बूः अच्छा करके दिखाओ,
बच्चाः एक पटाखा और एक
माचिस दी जायें
जब तक बम्बू की टीम माचिस
लेने जाति है तब तक बह बच्चा उनसे पूछता कि आखिर ये बम्बू मेरी क्यों नही
सुनते....
टीमः तुम्हारी क्या ये तो
किसी की भी नही सुनते... है.... ये सिर्फ हम लोगों के औठ पड़ लेते है... और बात को
समझ लेते है....
बच्चा- ओ इसका मतलब है...
बम्बू बहरा है.....
टीमः हां यह भी कह सकते
हो....
जैसे ही बह मासिच ले आता
है....
बच्चाः पटाखा और माचिस
लेकर एक जगह रखता है...और जलाने लगता है...
बम्बूः रुक जाओ.....
बच्चाः लेकिन बह पटाखा
फोड़ ही देता है...
बम्बूः नननननननई....
बम्बूः मुझे पटाखे से नफरथ
है और तुमने पटाखा ही फोड़ दिया....अब तुम्हारे सिर्फ हाथ नही तुम्हारी गर्दन भी
जायेगी...
बच्चाः लेकिन इसकी आज्ञा
मैने आप से ली थी बम्बू भाई....
बम्बूः मैने तुम्हे पटाखे
जलाने की आज्ञा कब दी
बच्चाः जब मैने पूछा था
कि बोलकर बताये या करके दिखाये.....तभी तो आपने करके दिखाने के लिए बोला था.....तो
ये लीजियें मैने करके दिखा दिया ऐसे मैने पटाखे जलाये....
बम्बूः मेरे मतलब है,
कैसे फोड़े का मलतब है,,,, तुमने मेरे इलाके में पटाखे जलाने का दुस्साहस कैसे
किया-
बच्चाः तो ये आपको पहले
बोलना चाहिए था....
एक मिनट बम्बू भाई आप तो
किसी की सुन नही सकते थे, तो फिर आप मेरी कैसे सुन रहे है-
बम्बूः अरे हां,, लगता
है... मेरे कान ठीक हो गये... ये कैसे हुआ
बच्चाः मुझे लगता है, इस
पटाखे की बजह से आपके कान ठीक हो गये..... इसकी तेज आवाज में आपके कान के पर्दें
ठीक होगये... लेकिन बम्बू भाई आप पटाखे जलाने बाले से इतनी नफरत क्यों करते है...
बम्बूः मैं पटाखे जलाने
बाले से नफरत नही करता बल्कि मुझे सक्त नफरत है इन पटाखों. और जो पटाखे जलाता
है,,, तो मुझे उनसे भी नफरत हो जाती है.....
बच्चाः लेकिन ऐसा क्यों
बम्बूः क्योंकि बहुत साल
पुरानी बात है.... मैं भी तुम लोगो की तरह ही आम इंसान था और दीपावली मना रहा था,
और मुझे भी पटाखे जलाने का शोक था.....
एक दिन में पटाखे जला रहा
था,,,, और एक आदमी आया ये क्या नीचे रख रख के पटाखे फोड़ रहे हो,,, मेरे तरह हाथ
में लेकर पटाखे फोड़ कर दिखाओ....
बम्बूः मैं उसकी बात में
आ गया और पटाखा हाथ में लेकर फोड़ने लगा,,,, और पटाखा बहुत ही तेज निकला जिससें मेरा
हाथ तो फटा ही साथ में मेरे सुनने की क्षमता भी खत्म हो गई- तब से लेकर में पटाखा जलाने
बाले और पटाखो से सक्त नफत करने लगा....
बच्चाः लेकिन उसी पटाखे
की बजह से तुम्हारे सुनने की क्षमता तो बापिस आ गई पर अपसोस आपका हाथ अब वापिस नही
आ सकता----
बम्बूः लेकिन पटाखे
फोड़ने की गलती तो तुमने भी कर दी आप
तुम्हारा भी हाथ कटेगाः
बच्चाः ये क्या बात हुई
मैने आपके कान ठीक कियें तो आप मुझे माफ नही करोंगे...
बम्बूः हां लेकिन कान तो
पटाखा ने ठीक किए तुमने नही
बच्चाः तो जैसे आपका
फोड़ने वाले को सजा देते है.... तो फटाखा फोड़ने वाले को ही आपके कान ठीक होने का
श्रेय भी तो जाना चाहिएच
बम्बूः ठीक है.... अब से
में केबल उन्हे ही सजा दूंगा हाथ में पकड़कर और बिना सतर्कता से पटाखे फोड़ते
है.....
टीमः बम्बू भाई की जय
बम्बूः सिर्फ जय से काम
नही चलेगा, कान ठीक होने की खुशी में सतर्कता से पटाखे फोडे जायें.....
जैसे ही सभी पटाखे फोड़ते
है-
बम्बूः अरे मुझे कुछ
सुनाई क्यो नही दे रहा है....
सब चोक कर खड़े हो जाते
है ओर बम्बू फिर से हंसने लगता है...